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Hembram Menu: क्या आप जानते हैं इन 10 हैरान कर देने वाले तथ्यों के बारे में?
Hembram Menu की उत्पत्ति झारखंड और पश्चिम बंगाल के आदिवासी समुदायों से हुई है। यह संथाल आदिवासी समुदाय का पारंपरिक भोजन है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है। इस मेनू में स्थानीय सामग्रियों और पारंपरिक पकाने की तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
Hembram Menu में कई अनोखे व्यंजन शामिल हैं जैसे:
- हांडिया - एक पारंपरिक चावल की बीयर
- साकु - साग का एक प्रकार
- पीठा - चावल के आटे से बनी मिठाई
- चिल्का रोटी - विशेष प्रकार की रोटी
- बांबू शूट करी
हां, Hembram Menu स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि:
- इसमें प्राकृतिक और ऑर्गेनिक सामग्रियों का उपयोग होता है
- यह कम तेल और मसालों में पकाया जाता है
- इसमें स्थानीय सब्जियों और जड़ी-बूटियों का भरपूर उपयोग होता है
- पारंपरिक पकाने की विधियां पोषक तत्वों को बरकरार रखती हैं
Hembram Menu को विशेष रूप से इन अवसरों पर परोसा जाता है:
- संथाल परबा (संथाल नव वर्ष)
- सोहराय (फसल उत्सव)
- विवाह समारोह
- धार्मिक अनुष्ठान
- पारंपरिक त्योहार
यह मेनू समुदाय की सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Hembram Menu की तैयारी में कई पारंपरिक तकनीकें अपनाई जाती हैं:
- मिट्टी के बर्तनों में पकाना
- लकड़ी की आग पर धीमी आंच पर पकाना
- खाद्य पदार्थों को बांस के पत्तों में लपेटकर पकाना
- प्राकृतिक खमीर का उपयोग
- सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर सुखाना
हां, Hembram Menu में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों विकल्प उपलब्ध हैं:
शाकाहारी विकल्प: जंगली साग, स्थानीय सब्जियां, चावल आधारित व्यंजन, फलियां
मांसाहारी विकल्प: जंगली मुर्गा, मछली, कभी-कभी जंगली सूअर (कुछ समुदायों में), कीड़े और टिड्डे (प्रोटीन स्रोत के रूप में)
हालांकि, अधिकांश व्यंजन प्राकृतिक रूप से शाकाहारी हैं क्योंकि वे जंगली संग्रहण पर आधारित हैं।
Hembram Menu में पारंपरिक और स्थानीय मसालों का उपयोग किया जाता है जैसे:
- चिरोंजी - एक प्रकार का जंगली बीज
- बांस के कोपलों से बना मसाला
- जंगली हल्दी
- कलिंजर - एक जंगली अदरक
- महुआ फूल - मिठास के लिए
- वन इमली
ये मसाले न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं।
Hembram Menu को परोसने के कुछ पारंपरिक तरीके:
- साल के पत्तों (साल पत्ता) पर परोसना
- मिट्टी के बर्तनों में परोसना
- सामूहिक रूप से बैठकर खाना
- हाथों से खाने की परंपरा
- विशिष्ट व्यंजनों को विशेष क्रम में परोसना
इस मेनू को परोसते समय सामुदायिक भावना और साझा करने की संस्कृति पर जोर दिया जाता है।
पिछले एक दशक में Hembram Menu की लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है:
- झारखंड और पश्चिम बंगाल के शहरी क्षेत्रों में Hembram थीम वाले रेस्तरां खुल रहे हैं
- खाद्य उत्सवों और मेलों में इस मेनू की विशेष प्रदर्शनी
- स्वास्थ्य-जागरूक उपभोक्ताओं द्वारा इसकी मांग
- सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा आदिवासी व्यंजनों को बढ़ावा देना
- सांस्कृतिक पर्यटन का हिस्सा बनना
हालांकि, यह अभी भी मुख्यधारा के भोजन विकल्पों की तुलना में एक विशिष्ट विकल्प बना हुआ है।
Hembram Menu के कुछ सरल व्यंजन घर पर भी तैयार किए जा सकते हैं:
साकु साग: जंगली पालक को लहसुन, हरी मिर्च और सरसों के तेल में भूनकर बनाया जाता है।
चिल्का रोटी: चावल के आटे में पानी मिलाकर गाढ़ा घोल बनाएं और तवे पर पतली रोटियां सेकें।
पीठा: चावल के आटे में गुड़ मिलाकर भाप में पकाएं।
बांबू शूट करी: बांबू शूट को उबालकर, प्याज, टमाटर और हल्दी के साथ पकाएं।
हालांकि कुछ सामग्रियां शहरों में उपलब्ध नहीं हो सकतीं, लेकिन उनके विकल्पों से समान स्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
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