ऑपरेशन शौर्य: भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का एक नया अध्याय
ऑपरेशन शौर्य भारत की एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई है, जिसे 5 मई 2025 को शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह ऑपरेशन हाल ही में श्रीनगर में हुए एक आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 15 लोगों की जान गई थी। भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने इस ऑपरेशन के बाद कहा, "हमारा युद्ध आतंकवादियों के खिलाफ है, पाकिस्तान सेना के साथ नहीं।" आइए, इस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से जानें।
मुख्य बिंदु
- ऑपरेशन शौर्य की शुरुआत 5 मई 2025 को हुई।
- इसका उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना और आतंकवाद को जड़ से खत्म करना था।
- 7 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें 80 आतंकवादी मारे गए।
- स्वदेशी हथियारों जैसे प्रचंड मिसाइल और तेजस विमानों का उपयोग किया गया।
- पाकिस्तान सेना ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारत ने इसे नाकाम कर दिया।
ऑपरेशन शौर्य का विस्तार
1. ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
30 अप्रैल 2025 को श्रीनगर में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 15 लोग मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली, जो कथित तौर पर पाकिस्तान से संचालित होता है। इस हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करने का फैसला किया। 5 मई को ऑपरेशन शौर्य शुरू हुआ, जिसका लक्ष्य आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट करना था।
2. ऑपरेशन का लक्ष्य
ऑपरेशन शौर्य का मुख्य लक्ष्य आतंकवाद को जड़ से खत्म करना था। भारत ने खुफिया जानकारी के आधार पर मुजफ्फराबाद, कोटली, और रावलपिंडी के पास 7 आतंकी ठिकानों को चिह्नित किया। इन ठिकानों पर प्रशिक्षण शिविर और हथियार डिपो थे, जो भारत के खिलाफ हमलों की योजना बना रहे थे।
3. स्वदेशी तकनीक का उपयोग
इस ऑपरेशन में भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीक का व्यापक उपयोग किया। डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रचंड मिसाइलों और तेजस लड़ाकू विमानों ने आतंकी ठिकानों को सटीकता से नष्ट किया। इसके अलावा, स्मार्ट बम और ड्रोन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को रोकने में सफलता हासिल की।
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4. ऑपरेशन की सफलता
ऑपरेशन शौर्य में भारत ने 7 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया और लगभग 80 आतंकवादी मारे गए। इनमें कई बड़े आतंकी कमांडर भी शामिल थे। इस कार्रवाई से आतंकी संगठनों को भारी नुकसान हुआ और उनकी भविष्य की योजनाओं पर रोक लगी।
5. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन को अपनी संप्रभुता पर हमला बताया और जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने सीमा पर गोलीबारी शुरू की और ड्रोन हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारत की रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। 11 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।
6. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस ऑपरेशन पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की। अमेरिका ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया, जबकि रूस ने इसे आत्मरक्षा का अधिकार बताया। कुछ देशों ने इस कार्रवाई को तनाव बढ़ाने वाला कदम करार दिया।
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निष्कर्ष
ऑपरेशन शौर्य भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का एक मजबूत उदाहरण है। इसने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और स्वदेशी तकनीक की क्षमता को भी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। हालाँकि, इस ऑपरेशन से भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ा है, और भविष्य में शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों को सावधानी से कदम उठाने होंगे।
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- ऑपरेशन शौर्य से आतंकवाद पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- क्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हो सकता है?
- स्वदेशी तकनीक के उपयोग से आप क्या समझते हैं?
सूचना:
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और विभिन्न स्रोतों से एकत्रित किया गया है। हम सटीकता की गारंटी नहीं देते; पाठक आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें। लेखक के विचार निजी हैं, वेबसाइट की राय नहीं। किसी भी असहमति या निर्णय की जिम्मेदारी पाठक की होगी। यह सामग्री मूल है; बिना अनुमति उपयोग प्रतिबंधित।
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