पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत की अंतरात्मा को झकझोर दिया। इसके जवाब में, भारत ने अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीति को नया रूप देने का फैसला किया। ऑपरेशन सिंदूर, जिसे 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने अंजाम दिया, ने आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने हालिया प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ब्लॉग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। आइए, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, इसके रणनीतिक महत्व और भारत की नई आतंकवाद विरोधी नीति को विस्तार से समझें।
- क्या ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को नया आयाम दिया?
- अश्विनी वैष्णव ने मोदी सिद्धांत को कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा का आधार बताया?
- पहलगाम हमले के बाद भारत की त्वरित प्रतिक्रिया ने क्या संदेश दिया?
- इंडस वॉटर ट्रीटी को निलंबित करने का क्या प्रभाव पड़ेगा?
- क्या ऑपरेशन सिंदूर वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीतियों के लिए एक मिसाल बनेगा?
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ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में नया अध्याय
1. ऑपरेशन सिंदूर का अवलोकन (तालिका)
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को पुनर्परिभाषित किया। यहाँ इसके प्रमुख पहलुओं की जानकारी दी गई है:
पहलू | विवरण | प्रभाव |
---|---|---|
सैन्य कार्रवाई | 9 आतंकी ठिकानों पर हमले | लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने नष्ट |
कूटनीतिक कदम | इंडस वॉटर ट्रीटी निलंबित | पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव |
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2. पहलगाम हमला: भारत की अंतरात्मा पर प्रहार
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सैनिकों और नागरिकों की जान गई, जिसमें नवविवाहिता हिमांशी नरवाल के पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने देश को झकझोर दिया। इस हमले को भारत की अंतरात्मा पर हमला करार देते हुए, सरकार ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई का संकल्प लिया। अश्विनी वैष्णव ने अपने ब्लॉग में इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चुनौती बताया, जिसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया।
3. ऑपरेशन सिंदूर: रणनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व
7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। राफेल जेट, ड्रोन और विशेष बलों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के मुख्यालयों को नष्ट किया। इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’, जो हिंदू परंपरा में वैवाहिक स्थिति का प्रतीक है, भावनात्मक और रणनीतिक संदेश देता है। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक है।
4. मोदी सिद्धांत: शून्य सहनशीलता की नीति
12 मई 2025 को राष्ट्र के नाम संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हमले की श्रृंखला में तीसरा बड़ा कदम बताया। उन्होंने इसे ‘मोदी सिद्धांत’ का हिस्सा करार दिया, जिसके तीन स्तंभ हैं: भारत की शर्तों पर निर्णायक जवाबी कार्रवाई, आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों की जवाबदेही, और परमाणु बयानबाजी को नजरअंदाज करना। अश्विनी वैष्णव ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक नया मानक बताया।
5. कूटनीतिक और आर्थिक कदम
ऑपरेशन सिंदूर के साथ, भारत ने इंडस वॉटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया, अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी, द्विपक्षीय व्यापार रोक दिया और वीजा रद्द कर दिए। पीएम मोदी ने कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” इन कदमों ने पाकिस्तान पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ाया। वैष्णव ने अपने ब्लॉग में लिखा कि रणनीतिक योजना और समयबद्ध कार्रवाई ने पाकिस्तान और आतंकी समूहों को भारत की प्रतिक्रिया का अनुमान लगाने से रोका।
निष्कर्ष
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ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ा। अश्विनी वैष्णव ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह भारत की एकता और संकल्प का प्रतीक है। क्या यह ऑपरेशन वैश्विक आतंकवाद विरोधी नीतियों के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा? समय ही इसका जवाब देगा।
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- क्या ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का टर्निंग पॉइंट है?
- मोदी सिद्धांत राष्ट्रीय सुरक्षा को कैसे मजबूत करेगा?
- इस ऑपरेशन के लिए आप कितने उत्साहित हैं?
यह लेख अध्ययन से संबंधित जानकारी के लिए है और सामान्य स्रोतों से एकत्रित किया गया है। हम सटीकता की गारंटी देते हैं, परंतु यदि कोई त्रुटि हो तो क्षमा के प्रार्थी हैं और आप फीडबैक दे सकते हैं। यह सामग्री मूल है; बिना अनुमति उपयोग प्रतिबंधित।
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