इंदिरा गांधी की याद में कांग्रेस: अशोक गहलोत ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम के बीच उनकी नेतृत्व शैली को सराहा!
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान की गई नेतृत्व शैली को याद किया। गहलोत ने फेसबुक पर इंदिरा गांधी की पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "इंदिरा जी, आज पूरा देश आपको याद कर रहा है..."। इस बीच, कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी की तारीफ की और उनके योगदान को रेखांकित किया। लेकिन क्या यह महज एक संयोग है, या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति है? आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझें!
मुख्य हाइलाइट्स
- अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी की 1971 की जीत को याद किया
- कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर साझा किए इंदिरा गांधी के योगदान
- पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया, श्रीनगर में ड्रोन हमले
- कांग्रेस ने अमेरिकी मध्यस्थता पर सवाल उठाए
- इंदिरा गांधी की तुलना में वर्तमान नेतृत्व पर सवाल
विस्तृत विश्लेषण
1. अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी की 1971 की जीत को याद किया
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की घोषणा के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फेसबुक पर इंदिरा गांधी की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, "इंदिरा जी, आज पूरा देश आपको याद कर रहा है..."। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में इंदिरा गांधी की नेतृत्व शैली ने भारत को जीत दिलाई थी और बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। गहलोत का यह पोस्ट इस बात का संकेत है कि कांग्रेस मौजूदा तनाव के बीच इंदिरा गांधी की मजबूत छवि को सामने लाकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।
2. कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर साझा किए इंदिरा गांधी के योगदान
अशोक गहलोत के अलावा, कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी को याद किया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने X पर उनकी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "भारत को इंदिरा की कमी खल रही है।" वहीं, कांग्रेस के आधिकारिक X हैंडल ने भी उनकी तस्वीर के साथ कैप्शन दिया, "इंदिरा गांधी। साहस | दृढ़ विश्वास | ताकत"। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी उनकी 1971 की नेतृत्व शैली को सराहा। यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर इंदिरा गांधी की विरासत को मौजूदा संदर्भ में प्रासंगिक बनाने की कोशिश कर रही है।
3. पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया, श्रीनगर में ड्रोन हमले
युद्धविराम की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही, 10 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन किया। श्रीनगर में भारतीय वायु रक्षा ने पाकिस्तानी ड्रोनों को रोक लिया, जिसके दौरान लाल धारियाँ और विस्फोट देखे गए। श्रीनगर में जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, और पठानकोट, फिरोजपुर, जैसलमेर, और बाड़मेर में पूर्ण ब्लैकआउट लागू कर दिया गया। इस घटना ने युद्धविराम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए और कांग्रेस नेताओं को मौजूदा सरकार की रणनीति पर सवाल उठाने का मौका दिया।
घटना | विवरण |
---|---|
युद्धविराम उल्लंघन | 10 मई 2025, रात को श्रीनगर में ड्रोन हमले |
प्रभावित क्षेत्र | पठानकोट, फिरोजपुर, जैसलमेर, बाड़मेर में ब्लैकआउट |
4. कांग्रेस ने अमेरिकी मध्यस्थता पर सवाल उठाए
कांग्रेस नेताओं ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में अमेरिका की मध्यस्थता पर सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने X पर लिखा कि अमेरिका ने इस समझौते में अपनी भूमिका को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है, और इसे तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के रूप में देखा जा सकता है। पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि इंदिरा गांधी ने कभी भी अमेरिकी दबाव के सामने झुकने से इनकार किया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की ताकि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद के घटनाक्रमों पर चर्चा हो सके।
5. इंदिरा गांधी की तुलना में वर्तमान नेतृत्व पर सवाल
कांग्रेस नेताओं ने इंदिरा गांधी की मजबूत नेतृत्व शैली की तुलना मौजूदा सरकार से करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने 1971 में अमेरिकी दबाव को नजरअंदाज कर भारत की जीत सुनिश्चित की थी। वामपंथी दलों ने भी अमेरिकी मध्यस्थता की आलोचना की और कहा कि भारत को अपने लोगों की आवाज सुननी चाहिए, न कि बाहरी हस्तक्षेप की अनुमति देनी चाहिए। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनते ने कहा, "इंदिरा गांधी बनना आसान नहीं है।" यह बयान मौजूदा नेतृत्व पर एक अप्रत्यक्ष टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है।
सारांश तालिका
पहल | विवरण |
---|---|
अशोक गहलोत का पोस्ट | 10 मई 2025, फेसबुक पर इंदिरा गांधी की तस्वीरें |
युद्धविराम उल्लंघन | 10 मई 2025, रात को श्रीनगर में ड्रोन हमले |
कांग्रेस की मांग | संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग |
इंदिरा गांधी की भूमिका | 1971 में भारत की जीत और बांग्लादेश का निर्माण |
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- क्या आपको लगता है कि इंदिरा गांधी की नेतृत्व शैली आज भी प्रासंगिक है?
- क्या कांग्रेस को मौजूदा तनाव में अमेरिकी मध्यस्थता की आलोचना करनी चाहिए?
- पाकिस्तान के युद्धविराम उल्लंघन पर भारत को क्या कदम उठाना चाहिए?
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