The Global Highlight : क्या मणिपुर में उग्रवादी समूहों के लिए 11 करोड़ की लागत से कैंप बनाए जाएंगे?
मुख्य हाईलाइट
- किन उग्रवादी समूहों के लिए मणिपुर में कैंप बनाए जा रहे हैं?
- इन कैंपों के निर्माण की लागत कौन उठा रहा है?
- क्या इन उग्रवादी समूहों ने पहले आत्मसमर्पण किया था?
- क्या इन उग्रवादियों पर अभी भी अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं?
- क्या मणिपुर में शांति समझौते का पालन किया जा रहा है?
विस्तृत जानकारी:
1. किन उग्रवादी समूहों के लिए मणिपुर में कैंप बनाए जा रहे हैं?
- मणिपुर सरकार यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के 416 उग्रवादियों के लिए दो शांति कैंप बना रही है।
- यह मणिपुर का सबसे पुराना सशस्त्र मीतेई उग्रवादी समूह है, जिसने 29 नवंबर 2023 को केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार के साथ शांति समझौता किया था।
- इन कैंपों का उद्देश्य आत्मसमर्पण कर चुके उग्रवादियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है।
2. इन कैंपों के निर्माण की लागत कौन उठा रहा है?
- इन कैंपों पर कुल 11 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- खर्च की भरपाई गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा संचालित सुरक्षा संबंधी व्यय (SRE) योजना के तहत की जाएगी।
- दो स्थानों पर निर्माण होगा:
- ककचिंग में 285 उग्रवादियों के लिए प्री-फैब्रिकेटेड संरचना (₹3.45 करोड़)
- थौबल में 115 उग्रवादियों के लिए सेमी-पक्का निर्माण और 16 रैंकिंग उग्रवादियों के लिए विशेष भवन (₹7.72 करोड़)
3. क्या इन उग्रवादी समूहों ने पहले आत्मसमर्पण किया था?
- 2023 में UNLF (Pambei गुट) के 80 उग्रवादियों ने 31 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था।
- इसके बाद कुछ और उग्रवादियों ने भी हथियार डाल दिए।
- यह आत्मसमर्पण मीतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसा के बाद हुआ, जो 3 मई 2023 से जारी थी।
- फिलहाल, सभी उग्रवादी थौबल-ककचिंग सीमा और इम्फाल ईस्ट में अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।
4. क्या इन उग्रवादियों पर अभी भी अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं?
- 4 जनवरी 2025 को CRPF और BSF ने युद्धविराम शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
- 8 फरवरी 2025 को मणिपुर पुलिस ने UNLF (Pambei गुट) के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया:
- खोइसनाम रोनाल्डो सिंह (23)
- सोराम न्गौबा मीतेई (30)
- ये सरकारी अधिकारियों, दुकानदारों और आम जनता से जबरन वसूली कर रहे थे।
- इनके पास से हथियारों की तस्करी में प्रयुक्त सामान भी बरामद हुआ है।
5. क्या मणिपुर में शांति समझौते का पालन किया जा रहा है?
- शांति समझौते के तहत UNLF को भारतीय संविधान और कानूनों का पालन करना होगा।
- उग्रवादियों को निर्धारित कैंपों में रहना होगा, और उनकी गतिविधियों की निगरानी केंद्रीय सुरक्षा बल करेंगे।
- हालांकि, कुछ घटनाओं से स्पष्ट है कि समझौते का पूर्ण रूप से पालन नहीं हो रहा है।
चर्चा के लिए प्रश्न:
- क्या आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को सरकार से इस तरह की सुविधाएं मिलनी चाहिए?
- क्या इन उग्रवादियों की निगरानी के लिए और सख्त कदम उठाए जाने चाहिए?
- क्या मणिपुर में स्थायी शांति स्थापित हो पाएगी?
आपकी राय क्या है? नीचे कमेंट में बताएं!
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